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Sunil Kumar Anand

Inspirational

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Sunil Kumar Anand

Inspirational

पानी जिंदगानी

पानी जिंदगानी

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पानी है धरती की जान, बिन पानी धरती बेजान 

पानी सभी गुणों की खान, पानी से धरती पर इंसान 

व्यर्थ बहाकर पानी को क्यों मानव तूं बनता नादान। 

बिन पानी सब सूना-सूना, बिन पानी धरती वीरान।


सूख रहे हैं खेत-खलिहान, धरती बन रही है रेगिस्तान 

नदी, तालाब या उद्यान, बिन पानी सब हैं चट्टान 

व्यर्थ बहाकर पानी को क्यों मानव तूं बनता नादान ।

 बिन पानी सब सूना-सूना, बिन पानी धरती वीरान ।


कार धुलो या करो स्नान, बच्चे बूढ़े और जवान 

पानी की मात्रा सीमित है, रखो सदा इसका भी ध्यान

 व्यर्थ बहाकर पानी को क्यों मानव तूं बनता अनजान ।

 बिन पानी सब सूना-सूना, बिन पानी धरती वीरान ।


जन-जन पहुँचे यह अभियान, पानी बचा तो बचेगी जान 

पानी है धरती की जान, बिन पानी धरती शमशान 

व्यर्थ बहाकर पानी को क्यों, मानव तूं बनता अनजान । 

बिन पानी सब सूना-सूना, बिन पानी धरती वीरान।


घर-घर चले जल सरंक्षण अभियान, अब तो जाग जरा इंसान,

 आनन्द की बात का रखो ध्यान, पानी बचा तो बचेगी जान।

 व्यर्थ बहाकर पानी को क्यों मानव तूं बनता अनजान 

बिन पानी सब सूना-सूना, बिन पानी धरती वीरान।


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