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Sunil Kumar Anand

Inspirational

4.5  

Sunil Kumar Anand

Inspirational

धूम्रपान ले जान

धूम्रपान ले जान

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अरे नादान!

 क्यों कर रहा है धूम्रपान ? बीड़ी पीकर, गुटका खाकर 

टी. बी. कैंसर की मर्ज बुलाकर 

तूं क्यों दे रहा अपनी जान ।


अरे नादान!

 क्यों कर रहा है धूम्रपान ? 

जीने से पहले जाता है शमशान

 तूं आनन्द कहना मान

 छोड़ दो यह विषैला धूम्रपान 

अब तो बन जा अच्छा इंसान।


अरे नादान!

 क्यों कर रहा है धूम्रपान ? 

सब कुछ जानकर मत बन अनजान,

गुटका खाकर मत दे जान तूं खुद को पहचान, 

तूं है इंसान अरे नादान! 

तूं क्यों कर रहा है धूम्रपान ?


जो खाते हैं गुटका, तम्बाकू, वो समझते हैं कि बहुत ही बहादुर हैं। 

अरे! इंसान के नाम पर कलंक हैं, मेरी नजर में गादुर (चमगादड़) हैं।।


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