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Sunil Kumar Anand

Inspirational

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Sunil Kumar Anand

Inspirational

दिल

दिल

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यह न कोई कविता है

और न ही कोई कौव्वाली है,

दिल वालों दिल थाम के

पढ़ना मैंने दिल की बात निकली है।

पहले तो सब कुछ प्यारा था,

मैं सबकी आँखों का तारा था

जब वक़्त बदलने लगते हैं

सब दूर दूर से हँसते हैं।

अब दिल मेरा घबराता है

दिल दिल को ही समझाता है

अरे तू उस मां का बेटा है 

जो हर गम में हंसना सीखा है

काँटो पर चलना सीखो

हर मुशिकल से लड़ना सीखो

पापा की इन बातों से 

दिल मेरा भर आता है।

हम कब के मर गये होते

सपने केवल सपने होते

इस दिल ने हमें संभाला है

हर मुश्किल से हमें निकाला है

यह दोस्त हमारा सच्चा है

हर दिल से यह दिल अच्छा है।


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