ऑनर किलिंग
ऑनर किलिंग
एक लाचार महिला के सम्मान की हत्या करने वालों,
तुम खुद को इंसान कहते हो?
अपनी ही बहू बेटियों को घर में कैद कर रखने वालों,
तुम खुद को आज़ाद कहते हो?
बेटी कुछ गलत कर दे तो पाप और बेटा
कुछ गलत कर दे तो उसे न्याय कहते हो?
बेटी के सपने छीन कर बेटों को ऐशो-आराम देने वालों
दुनिया में चाहिए खुद को सम्मान और
औरतों का अपमान करते हो?
औरत की बेबसी को उसकी कमज़ोरी समझने वालों
उसके चरित्र पर सवाल उठाने वालों
तुम खुद को इंसान कहते हो?
बेटी से नफ़रत तो बेटे पर गुमान करते हो?
दहेज के नाम पर बहुओं को जलाने वालों,
उसको सरेआम नीलाम करते हो?
समाज में इज्ज़त का ढिंढोरा पीटने वालों,
खुद को मर्द और औरत को ग़ुलाम कहते हो?
जाति धर्म को बांटने वालों मानवता
का बखान करने वालों
खुद समाज में रहने के लायक नहीं और
बेटी को अभिशाप कहते हो?
एक औरत के सम्मान की हत्या करने वालों
उसके भाग्य का खुद फैसला करने वालों
तुम खुद को इंसान कहते हो।