श्रृंगार
श्रृंगार
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महज उसकी सादगी
से नहीं
पूरा हुआ उसका श्रृंगार!
ससुराल में रहना था
तो चार चूड़ियां और
बिंदी भी
जरूरी थी!
महज काले काजल
से ही उसकी आंखें
नहीं सजी थी
ससुराल में रहना था,
तो उसकी आंखों में शर्म भी
जरूरी थी।