नयी पीढ़ी के लिए
नयी पीढ़ी के लिए
ऐसा नहीं कि नई पीढ़ी से कोई शिकायत है
मानें या न मानें बस उन्हें देनी चंद हिदायत है।
यकीनन मुस्तकबिल बेहतरी का हक़ है उन्हें
पर न भूलें सदियों के जो तहजीबो रवायत है।
बुजुर्गों की इज़्ज़त और रिश्तों की हिफाज़त
करना मजबूरी नहीं, बल्कि खुद पे इनायत है।
खुद पे भरोसा, ख़ुदा पे यकीन, ज़हन से जहीन
आज के दौर मे नौजवाँ के लिए किफायत है।
गिरते को उठाना, रोते को हँसाना गर आता है
समझो अजय तुम में, जिंदा अभी इंसानियत है।
