नववर्ष
नववर्ष
सुख,दुःख के संगमों युक्त वर्ष पूर्ण होने की ड्योढ़ी पर खड़े हैं,
एक अतीत पीछे छोड़ खुशहाल भविष्य की कामना कर रहे हैं,
नूतन वर्ष के स्वागत के जोश में पूरे साल के ग़म भूल जाते हैं,
खुशहाली भरें नववर्ष के आगमन की आतुरता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
वक़्त का तकाज़ा हैं कि सरीखा नहीं रहता कोई भी हो चाहे,
दुआ यही हैं कि सबका आनेवाला कल भी,बेहतरीन हो पहले से,
क्षणिक जीवन हैं,ज़िन्दगी में बहुत सिखा दिया महामारी ने,
सभी की विपत्तियाँ और दुःख दूर हो ऐसी प्रार्थना करते हैं प्रभु से,
निराशा में आशा की किरण लेकर नववर्ष आये द्वारे तुम्हारे।।