नूर ख़ुदा का
नूर ख़ुदा का
हर शख्स में यहां नूर ख़ुदा का होता है।
दिल दुखाना किसी का भी बुरा होता है।।
ये फूल, ये पत्तियां, ये हवा, ये तितलियां
कुदरत ने बिखेरा है अजब करिश्मा यहां।
महसूस करने का हुनर, सब में कहाँ होता है।
दिल दुखाना किसी का भी बुरा होता है।।
गैरों के गुनाहों को, बढ़ चढ़ कर गिनाने वालों।
दर्पण में जरा झांक लेना उंगली उठाने वालों।
अक्स असलियत का, इसमें सदा दिखता है।
दिल दुखाना किसी का भी बुरा होता है।।
खोलकर पढ़ना कभी, फुर्सत में दिल की किताब।
मिल जाएगा तुम्हें, हर सवाल का जवाब।
हर जुर्म का कच्चा चिट्ठा यहां होता है।
दिल दुखाना किसी का भी बुरा होता है।।
कर जाओ कुछ ऐसा, कि दुनिया याद करे।
इंसा वही जो औरों की खातिर जीए मरे।
खुद की खातिर जीना भी, कोई जीना होता है।।
दिल दुखाना किसी का भी बुरा होता है।।