नीम का पेड़
नीम का पेड़
घर के
पिछवाड़ा में
एक
बहुत हीं
बड़ा
नीम का
पेड़ था
वो खड़ा था
और बहुत हीं
बड़ा था
मंद-मंद
हवा के
झोकों से
वो हिलता था
उस पेड़ से
मेरा जुड़ाव
हो गया था
उसकी छाया में
मेरा बचपन
गुजरा था
वो पेड़ मेरा
दोस्त बन गया था
उसके छांव में
एक अजीब तरह का
सुकून मिलता था
लेकिन एक दिन
पिताजी अपना
मसरफ
बनाने के लिए
पेड़ को हीं
हटाने का
फैसला ले लिए थे
वो पेड़
कुलहड़ियों का
चोट खाकर
जमीन पर
पड़ा था
अनगिनत
अनुत्तरित
प्रश्न के साथ
मैं पेड़ के पास
निर्जीव सा खड़ा था।