नारी...
नारी...
नारी मान हो, नारी परिवार का सम्मान तुम,
नारी शीतल जल, नारी ज्वाला तुम।
नारी तुम आस्था हो,
नारी तुम ही परमात्मा हो।
नारी तुम विश्वास हो,
नारी तुम ही ईश्वर का वास हो।
टूटी हुयी उम्मीदों की एक मात्र आस हो,
अपने परिवार के हर जीवन का तूम आधार हो।
नारी सरस्वती का रूप हो तुम,
नारी लक्ष्मी का स्वरूप हो तुम।
बढ़ जाये जब अत्याचारी,
नारी दुर्गा-काली का रूप हो तुम।
नारी ममता का सम्मान हो तुम,
नारी संस्कारों की जान हो तुम।
नारी कभी कोमल फूल गुलाब हो तुम,
नारी कभी शक्ति के अवतार हो तुम।
नारी ईश्वर का चमत्कार हो तुम।
