नारी
नारी
जुल्मों को सहने वाली,
कठिनाइयों को झेलने वाली,
प्यार के दर्पण में सजी,
किसी की मां ,किसी की बहन,
किसी की पत्नी ,किसी की बेटी,
औऔर कोई नहीं वह एक नारी है l
प्यार भरी नजरों से ममता प्रकट करने वाली,
हर दुख को सहने वाली,
दूसरों को प्यार बांटने वाली,
वाह कोई दुखियारी नहीं,
वह तो सिर्फ एक नारी है l
समय आने पर कभी सीता ,
कभी लक्ष्मीबाई,
कभी काली ,कभी दुर्गा
का रूप धारण करने वाली,
और कोई नहीं
वह तो सिर्फ एक नारी है l
अपनी खुशियां दूसरों पर नया
अपनी खुशियां दूसरों पर न्योछावर करने वाली,
पर मुंह पर कुछ ना कहने वाली,
और कोई नहीं
वह तो सिर्फ एक नारी है l
