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bimlesh rai

Others

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bimlesh rai

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चार कंधे

चार कंधे

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वह भी चार कंधों पर थी 

मैं भी चार कंधों पर था

वह फूलों से लगी थी

मैं भी फूलों से लदा था

उस पर भी कोई रो रहा था

मुझ पर भी कोई रो रहा था

बस फर्क इतना था कि

महा ससुराल जा रही थी

मैं श्मशान जा रहा था



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