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Mamta Rani

Fantasy

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Mamta Rani

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नारी

नारी

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कभी दुर्गा कभी काली

सरस्वती है लक्ष्मी भी वो

नारी है जगत जननी

है रानी लक्ष्मीबाई भी वो

ममता का सागर है

प्रेम का गागर है

दया की मूरत है

सहनशीलता की सूरत है

नारी है सम्मान

नारी है महान

जननी है ये

स्त्रीत्व है उससे

वही है पालनहार

नारी तू निश्छल पावन

पतित पावनी तू ही गंगा

नारी तेरे रूप अनेक

तू ही मदर टेरेसा

तू ही अहिल्याबाई

कभी बेटी कभी माँ

नाम कई रूप अनेक

करती सब कुछ अर्पण

प्रेम भाव सब करती समर्पण



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