नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
जीवन भर साथ निभाती है।
मां, बहन, बेटी, बहू
सबका फर्ज निभाती है।
सुख हो चाहे दुख
साथ सदा निभाती है।
नारी तू नारायणी
जीवन भर कष्ट उठाती है।
बेटी रूप घर बाबुल का तू चहकाती है
पत्नी रूप घर पिया का तू महकाती है।
नारी तू नारायणी
जीवन भर साथ निभाती है।
बांध भाई की कलाई पर स्नेह का धागा
रक्षा कवच बन जाती है,
पड़े मुसीबत तो तू
दुर्गा- काली भी बन जाती है।
नारी तू नारायणी
जीवन भर साथ निभाती है।
ईश्वर का तू वरदान अनोखा
सृष्टि का आधार कहलाती है
नारी तू नारायणी
जीवन भर साथ निभाती है।