Bhoop Singh Bharti
Abstract
बेटी भूवा भाण माँ, नारी के हो रूप।
नारी के संसार में, सारे रूप अनूप।
सारे रूप अनूप, निराली होती माया।
त्याग दया ये स्नेह, बनी ममता का छाया।
कहे भारती देख, प्यार का खेले जूवा।
देती अपनी जान, भाण माँ बेटी भूवा।
झूमता बसंत है
कुंडलिया : "म...
कुंडलिया
कुंडलिया : "प...
हाइकु : नव वर...
रैड क्रॉस
गीत
कर के नमन 2022 को कहो हाय मुस्कुरा के 2021 को करो गुड बाय। कर के नमन 2022 को कहो हाय मुस्कुरा के 2021 को करो गुड बाय।
क्या है शांति ? कहाँ है शांति ? क्या है शांति ? कहाँ है शांति ?
सच में यह है मां की दी हुई शक्ति ही है भजन, सत्संग सब गाते व करवाते हैं सच में यह है मां की दी हुई शक्ति ही है भजन, सत्संग सब गाते व करवाते हैं
पंछी अनोखा आया मेरे आँगन में. पंछी अनोखा आया मेरे आँगन में.
झूठ फैला तो फैलता ही चला गया सच जितना कभी सिमटा कोई नहीं झूठ फैला तो फैलता ही चला गया सच जितना कभी सिमटा कोई नहीं
यादों के झरोखे हमारे बहुत ही सारे, खट्टी- मीठी यादों के झरोखे ये प्यारे। यादों के झरोखे हमारे बहुत ही सारे, खट्टी- मीठी यादों के झरोखे ये प्यारे।
तोड़े गए फूलों के यहाँ खरीददार हैं बहुत कुचला गया उस फूल को जो था टूटा हुआ तोड़े गए फूलों के यहाँ खरीददार हैं बहुत कुचला गया उस फूल को जो था टूटा हुआ
सुख का मोल करे वो कैसे जिसने दुःख पाया ही नहीं। सुख का मोल करे वो कैसे जिसने दुःख पाया ही नहीं।
तू ही तेरा विश्वास है, तू ही तेरा अभिमान है। तू ही तेरा विश्वास है, तू ही तेरा अभिमान है।
वफ़ा से कर गया इंकार मुझको वो ही बेगैरत दुखी मेरा हुआ है दिल उसी की ही ज़वाबी से. वफ़ा से कर गया इंकार मुझको वो ही बेगैरत दुखी मेरा हुआ है दिल उसी की ही ज़वाबी स...
बेवफ़ाई का इल्जाम उसके नाम आज भी है. बेवफ़ाई का इल्जाम उसके नाम आज भी है.
परेशानियां बस तब तक हमें सता सकती हैं, जब तक हम उन्हें हमें सताने दे परेशानियां बस तब तक हमें सता सकती हैं, जब तक हम उन्हें हमें सताने दे
चंदही घंटों में , खत्म होगा साल मन में भावना, क्या होगा हाल? चंदही घंटों में , खत्म होगा साल मन में भावना, क्या होगा हाल?
औरों का तो नहीं पता पर हमारे अंदर अलग-अलग भागों का वास हुआ है औरों का तो नहीं पता पर हमारे अंदर अलग-अलग भागों का वास हुआ है
इंतजार की घड़ी कटती नहीं, घड़ी जुदाई की गुजरती नहीं। इंतजार की घड़ी कटती नहीं, घड़ी जुदाई की गुजरती नहीं।
आवाज दे के उन को बुलाता ही रह गया। वे भीड़ में गुमे मैं अकेला ही रह गया। आवाज दे के उन को बुलाता ही रह गया। वे भीड़ में गुमे मैं अकेला ही रह गया।
मौन को गूंगा मत समझो, मौन का वर्णन एक जटिल कार्य है। मौन को गूंगा मत समझो, मौन का वर्णन एक जटिल कार्य है।
सकारात्मकता का एक उजाला चाहिए नकारात्मकता का हमें बदलाव चाहिए सकारात्मकता का एक उजाला चाहिए नकारात्मकता का हमें बदलाव चाहिए
जब गिरा और कोई उठाने नहीं आया तो उनकी याद आयी जब गिरा और कोई उठाने नहीं आया तो उनकी याद आयी
आसमां सितारे गिने या देखें नजारा सर्द रात और एक दीये का सहारा आसमां सितारे गिने या देखें नजारा सर्द रात और एक दीये का सहारा