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Foram Bavishi

Tragedy

4.8  

Foram Bavishi

Tragedy

मुझे जीना है...?!

मुझे जीना है...?!

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अपनी आखरी सांस तक बोली थी वो...

 मुझे जीना है...


तड़प रही थी वो...फिर भी वो बोली थी...

मुझे जीना है...


रोंद दिया था उन दरिंदो ने उसके शरीर को...फिर भी वो बोली थी...

मुझे जीना है...


रूह काँप गई थी हर एक इंसान की...फिर भी वो बोली थी...

मुझे जीना है...


मौत को गले लगा कर भी वो बोली थी...

मुझे जीना है...


ना वो हारी थी...

ना वो हारेगी...

हम सबके दिलो में अमर हो जाएगी क्योंकि...


अभी उसे जीना है...

अभी उसे जीना है...



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