बिक्री...
बिक्री...
बिकते है लोग यहाँ
बिकते है जज़्बात जहां
कुछ आंसू बिकते है
कुछ खुशिया बिकती है
दिल के अरमानो का कोई मोल नहीं यहाँ
दम तोड़ देते है सपने जहां
ख़ामोशी में है गहराइया ज़्यादा
शब्दों में है बेचैनी वहां
कुछ आखें ज़हर उगलती है
कुछ बाटे घाव देती है
बिक्री है ये सपनों की
बिक्री है ये अपनों की
बिकता है सब कुछ यहाँ
बिकता है सब कुछ यहाँ।
