मस्त मगन
मस्त मगन


तुम सोचो अपनी दुनिया की,
मैं मस्त मगन अपने जग में,
तुम खूब करो हिंदू मुस्लिम,
है भारत मेरी रग रग में।
तुम बंद करो जुलूस निकालो
मैं अपने काम पे जाऊँगा
तुम हीरो विलेन में फंसे रहो
मैं लौट के सब्ज़ी लाऊंगा
तुम टीवी पर बहसें कर लो
मैं तो डिस्कवरी देखूंगा
तुम लात चलाओ गाली दो
मैं तोहमत तक न फेकूंगा
तुम राम रहीम अलग कर दो
मैं फँसू नहीं ऐसे ठग में
तुम खूब करो हिन्दू मुस्लिम
है भारत मेरी रग रग में ।