STORYMIRROR

Salil Saroj

Inspirational

3  

Salil Saroj

Inspirational

मृगतृष्णा

मृगतृष्णा

1 min
516

शिखर 

पे पहुँचकर

हिरण्यगर्भ में छिपा

कोई कस्तूरी प्राप्त नहीं होता,


या कोई मरीचिका से

सानिध्य होता

जो कि मृगतृष्णा में

उत्पन्न हुआ होता है।


बहुत एकांत और एकाकी

है शिखर पे पहुँचने

के बाद का सफर

जहाँ प्यास

ओंस से बुझानी पड़ती है,


जहां हो

वही हो

और खुश हो तो

 शिखर वहीं है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational