एक और एक ग्यारह मुहावरा जीना हमें खूब सिखाए है। एक और एक ग्यारह मुहावरा जीना हमें खूब सिखाए है।
मन जब विचलित मेरा होवे, फूलों सा तुम मुस्का देना। मन जब विचलित मेरा होवे, फूलों सा तुम मुस्का देना।
इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला ! इसलिये ही हर घर के किवाड़ में, दिखता है सिर्फ़ एक ही पल्ला !
जहां हो वही हो और खुश हो तो शिखर वहीं है। जहां हो वही हो और खुश हो तो शिखर वहीं है।
तुम एहसास बन जाओ न अब तुम एहसास बन जाओ न अब
एकाकी प्रेम गीतों को अपनी आवाज़ नहीं दे देता है ! एकाकी प्रेम गीतों को अपनी आवाज़ नहीं दे देता है !