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Kapil Papneja

Abstract

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Kapil Papneja

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मोहब्बत हुई है

मोहब्बत हुई है

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नींदों से जग कर जो तुम गुनगुनाओ

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है

सजकर संवर कर यूँ ही मुस्कुराओ

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है


महफिल हजारों की पर तुम हो तन्हा

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है

हो सदियों बराबर जुदाई का लम्हा

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है


हृदय की शिराओं में अद्भुत स्पंदन

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है

बाँहो में तकिया हो उसका आलिंगन 

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है


ख़्वाबो में देखो उसी का ही चेहरा

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है

छिछला सा चिंतन लगे तुमको गहरा

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है


दुनियावी मानक लगें जब आडम्बर 

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है

बगावत का शोला दहकता हो अंदर

तो समझो के तुमको मोहब्बत हुई है।


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