मंजिल
मंजिल
मंजिले यूं नही मिलती,
सपनो में चलते चलते,
उसके लिए चलना पड़ता है,
कांटो से भरे राहों पर।
हर कदम को एक मुकाम,
बनाते चलना पड़ता है,
हर गम को भी पीना पड़ता है,
खुशियों का जाम समझकर।
कुछ पाने के लिए कुछ,
खोना जरूरी नहीं,
पर मंजिल को पाने के लिए,
खुद में जुनून जगाना पड़ता है।