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Sunil Maheshwari

Inspirational

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Sunil Maheshwari

Inspirational

मंजिल

मंजिल

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राह में काँटे एक दो नहीं होते,

राह काँटों से भरी होती है,

मंजिल उस राह के आखिरी

छोर पर खड़ी होती है।


जहाँ हर कदम पर

मिलती एक नयी चुनौती है,

देख उसे जिनके

हौसले डगमगाते हैं।


वे मंजिल को भुला

काँटों में उलझ जाते हैं,

जिनकी निगाह

मंजिल पर होती है।


सच मानो मेरे

यारो वो ही,

काँटों पर चलकर

मंजिल को पाते हैं।


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