मंजिल पर ध्यान लगा
मंजिल पर ध्यान लगा
जब तू सब से ध्यान हटाकर मंजिल पे ध्यान लगायेगा
तब आयेगी विकट विपत्ति तेरा मन विचलित हो जायेगा
कोई छूटेगा अपना तो कोई रुठा जायेगा तेरा तुझ से
पर तू अपना मन विचलित ना करना इतना सा तू बस करना काम
मंजिल पर तू ध्यान लगाना मेहनत का थामे तू हाथ।
कभी बारिश, कभी कोहरे तो कभी पसीने से तू भीगेगा
कभी छायेगा हर ओर अंधेरा तो कभी सूरज सिर पर मंडरायेगा
कभी वातावरण तो कभी समाज को तू अपनी इच्छा के विपरीत पायेगा
पर तू थोड़ी हिम्मत रखना एक दिन तू सब अपनी इच्छा का पायेगा।