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Thakur Sakshi Raghav

Inspirational

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Thakur Sakshi Raghav

Inspirational

जो बात कहने से डरते हैं सब ...

जो बात कहने से डरते हैं सब ...

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जो बात करने से डरते हैं सब 

     अब वो बातें लिखूंगी मैं


जिन लोगों का नाम लेने से भी कांपते है लोग

     अब उन लोगों के नाकाब उतारूंगी मैं


फेंक दी वो कलम जो सिर्फ मेरा दर्द लिखती थी

     अब गैरों के भी दर्द को लिखूंगी मैं 


कौन है इस जहां में अपना कौन पराया

     अब सब को पहचानूंगी मैं


अब बहुत हुई नारी की अग्नि परीक्षा

  अब वैसीये दरिंदे को जिन्दा जलाऊंगी मैं


अब बहुत छप गया नारी के आसूंओ से अखबार

    अब दुष्ट लोगो के खून से छपेगा अखबार!


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