मंजिल मिले
मंजिल मिले
बीती रात कमल दल फूले
गोधूलि में संग झूला झूले
चाहे रात की हो कोई बात
डरते नहीं हम सब साथ।
जब लड़ना तो डरना क्या
चाहे चुभाए जाए कितने शूलें
बीती रात कमल दल फूले
गोधूली में संग झूला झूले।
हंसो कि मंजिल मिल जाएगी
अब रोती आंखें भी गाएगी
अब वक्त आया अपना संपत्ति
का मूल के साथ ब्याज भी बसूलें।
बीती रात कमल दल फूले
गोधूली में संग झूला झूले।
