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Ashutosh kaushik

Romance

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Ashutosh kaushik

Romance

मन करता है

मन करता है

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तेरी इन काली आंखों में डूब के,

सोने का मन करता है।

और ये जो तेरी जुल्फें हैं घटाओं जैसी,

मेरा उनमें खोने का जी करता है।


मुस्कराहट तेरी कातिलाना लगती है,

अब तो इससे ही कत्ल होने का जी करता है।

यूं तो पहले भी मिल चुके हैं धोके मगर,

फिर भी तुझसे इश्क करने का जी करता है।


जब जब पास होती हो मेरे तुम,

तो तुम्हे बाहों में भरने का जी करता है।

और हैं जो उभरे हुए कुछ निशां तेरे बदन पर,

उनको पास आके पढ़ने को जी करता है।


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