महाकवि तुलसीदास
महाकवि तुलसीदास
किया अमित उपकार,
श्री तुलसी किया अमित उपकार।
मानस की रचना कर डाली,
जो वेदों का सार।
आत्माराम जी पिता तुम्हारे,
हुलसी तुम्हारी माता।
1554 में जन्में,
वांदा जिले से नाता।
रत्नावली से बंधे,प्रणय सूत्र में,
नरहरिदास गुरूदेव।
पार्वती जी कृपा बरसती,
सानुकूल महादेव।
कैसे करें आभार आपका,
हे महानायक युग अवतार।
केवल आपके श्री चरणों में,
शीश नवाते बारम्बार।।