मेरी प्यारी माँ
मेरी प्यारी माँ
सबसे पहले है वो उठती
करती है वो घर का काम
अपने भूख से पहले
अपने बच्चों के भूख को मिटाती
दुनिया से वो हमे बचाती
चोट लगने पर दवा लगाती
कितना दुतकारने पर भी भला ही हमारा सोचती
भगवान सा स्वरुप उसका
भगवान ने उसे हमारे लिए बनाया
भगवान हर जगह नही हो सकते इसलिए
उन्होने बनाया एक इन्सान को जिसे हम
कहते है माँ
क्यु हम उसे बूढ़ी होने पर छोड़ देते
जिंदगी भर वो हमारे लिए है जीती
जब उसे हमारी ज़रुरत होती
क्यु हम उन्हें छोड़ देते
क्यु हम उन्हें वो प्यार नही देते
जो उन्होने हमारे पर लुटाया
जिंदगी बर हमे दुआ देती
बदले मे सिर्फ़ हमसे प्यार मांगती
बलिदानो मे वो सबसे ऊपर
प्यार की भूखी है वो
भगवान से ऊपर उसका दर्जा
वो है मेरी प्यारी माँ।
