मेरी जीवन एक पहेली है
मेरी जीवन एक पहेली है
मेरी जीवन एक पहेली है,
कभी खुशी तो कभी आँसू
मेरी सहेली है
पैदा तो कोख से हुई थी
उससे पहले ही मेरी जीवन की
कहानी तय कर दी गई थी,
कुछ नगमे हमने सुनाए थे
कुछ जिंदगी सुनाने लगी हमे
कभी ख़ामोशी सहेली बन गयी
कब वक़्त बेवक्त हम किसी के
लिए बेगाने बन गए
कभी हम किसी की ख़ुशी
कभी उम्मीद
कभी किसी के लिए जिम्मेदारी
बन गए,
कभी बेटी कभी बहु कभी बहन
कभी पत्नी
हर किसी किरदार में खड़े रहने की
कोशिश की है ..
क्या है क्यूँ है सेल्फ रेस्पेक्ट नहीं है
लड़की का हक़,
दबना ज़रुरी है लड़की को समाज
क्या कहेगा?
लोग क्या कहेंगे हर किस प्रश्न के
उत्तर बनने लगे हम ..
क्यूँ ऐसे सवाल है सिर्फ हमारे लिए,
मेरी जीवन एक पहेली है कभी
धूप की दर्द की
तो कभी छाया की शीतल तन्हाई है॥