मेरे साथिया
मेरे साथिया
तुझे पाने की चाहत
तुजमे कोने की ख्वाइश
ज़िन्दगी में जीने की इच्छा जगती है।
मेरी पुरने भूलों की माफ़ी बनकर
इस जन्म में आये हो
और इस जनम में तुझे अपना बनके
अपने आपको सार्थक किया है मैंने
तितली की साथों रंगों की तरह
तेरे ज़िन्दगी में सामना चाहती हूँ
और बारिश की भूंदों की तरह
तुझे लपेटना चाहती हूँ
और ज़िन्दगी के इस मोड़ पे तुझे
पाकर मैं अपने आपको
खुशकिस्मत मानती हूँ।