मेरे पिता
मेरे पिता
प्यार दिया दुलार दिया ,
सब समय भी अपना वार दिया ।
मुसीबतों में डटकर खड़े रहना सिखाकर ,
जीवन भी संवार दिया ।
समय अच्छा हो या बुरा हो ,
याद हमेशा रब को करते हो ।
निस्वार्थ प्रेम की परिभाषा को ,
आप ही पूरा करते हो ।
दर्द छूपया करते हो ,
प्यार लुटाया करते हो ।
कभी भले हम मौन हो ,
दिल में चल रहा कौतूहल समझ जाया करते हो।
अच्छे हो ,सच्चे हो ,
दिल से आज भी बच्चे हो।
खाने में नखरे करते हो ,
दुनिया दिखावा नहीं करते हो ।
पता नहीं आपकी बेटी होने का कितना फर्ज अदा कर पाई हूँ?
पर गर्व है ,कि इस दुनिया में आपकी बेटी बनकर आई हूँ।
