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prem परमानन्द

Romance

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prem परमानन्द

Romance

मेरे ख्याल से तुम...।

मेरे ख्याल से तुम...।

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मेरे ख्याल से तुम बहुत खूबसूरत हो,

न केवल सूरत, सीरत से भी।।

मेरे ख्याल से तुम सोचती बहुत हो,

न केवल दिमाग, दिल से भी।।

मेरे ख्याल से तुम सपने बहुत देखती हो,

न केवल सोते हुए, जागते भी।।

मेरे ख्याल से तुम्हें मिठास बहुत पसन्द है,

न केवल खाने में, बातों में भी।।

मेरे ख्याल से तुम मासूम बहुत हो,

न केवल जज्बातों से, आँखों से भी।।

मेरे ख्याल से तुम तो देवी सी हो,

न केवल सरस्वती, लक्ष्मी सी भी।।

मेरे ख्याल से तुम फूल सी नाज़ुक हो,

न केवल गुलाब, पारिजात सी भी।।

मेरे ख्याल से तुम स्वयं महकती हो,

न केवल केशर, चन्दन सी भी।।

मेरे ख्याल से खास गुण हैं तुझ में भी,

न केवल क्रोध-नाराज़गी, चिन्ता-प्रेम भी।।

मेरे ख्याल से तुम्हें बहुत चाहता हूँ, गुरु!

न केवल दिल से, कर्म से भी।।

मेरे ख्याल से तुम मुझ में ही समा गई हो,

न केवल साँसों में, रूह में भी।।



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