मेरे खामोश लब ......
अक्सर कहें तेरी कहानी ,
कभी ख्वाबों में तो ,
कभी कहें ये बेजुबानी |
मैं अक्सर तन्हाई में ,
तुझे याद कर करती हूँ सजदा ,
बंद पलकों पे तेरी याद का ,
गिरता है पानी |
कम नहीं हुआ अपना प्यार ,
देखो बिछड़ने पर भी ,
तेरी बातों का नशा अब भी चढ़ ,
करता तेरी मेजबानी |
कितनो ने पूछा तेरा नाम ,
मुझसे महफ़िल में ,
सबको क्या अपने इश्क की ,
कहानी सुनानी ?
दूसरा कोई और मिलने की ,
करूँ ना उम्मीद अब मैं ,
तेरी यादों में ही कट जायेगी ,
मेरी बाकी ज़वानी |
इश्क एक बार होता है ,
बार - बार नहीं ,
ये बात सुनी थी बड़ों से ,
अब खुद से जानी |
मेरे खामोश लब ......
अक्सर कहें तेरी कहानी ,
कभी ख्वाबों में तो ,
कभी कहें ये बेजुबानी |