मेरे हिस्से की धूप
मेरे हिस्से की धूप
मेरे हिस्से की धूप
मेरी ही रहने दो।
बांटने की कोशिश में,
तुमने रिश्तों की
गर्माहट भी सोख ली।
वो एक क़तरा
सिर्फ मेरा है।
मैने कब पूरे
आसमान की
चाहत की भला तुमसे !
पर मेरे हिस्से को
अब मेरा ही रहने दो।
मत खींचो दीवारों को
इर्द गिर्द इस तरह मेरे,
मेरे हिस्से की धूप
का उजलापन
बस मेरे पास ही रहने दो।
