मेरे दिल से अब गुजरे
मेरे दिल से अब गुजरे
वही आसान सी रातें बड़ी मुश्किल से अब गुज़रे
कोई तुझसा हसीं चेहरा जो मेरे दिल से अब गुज़रे
मुझे इक खौफ़ सा रहता है दरिया का यहाँ हरदम
भले किश्ती मुहब्बत की किसी साहिल से अब गुज़रे
असर करता है दिल तक वो तेरी आवाज़ का जादू
कभी आवाज़ जब तेरी भरी महफ़िल से अब गुज़रे
तड़पकर यार मिलने की तमन्नाएँ लिए मसलन
तेरी गलियों से दीवाने किसी ज़ाहिल से अब गुज़रे
कि जिनके हक़ में न आया मुहब्बत का तेरे जादू
लिये ख़ंजर पुराने वो किसी क़ातिल से अब गुजरे
हजारों लोग घायल थे तेरी दिलकश अदाओं पर
मुहब्बत में जफ़ा खाये वही ग़ाफ़िल से अब गुजरे
ख़ुदा ऐसी इनायत कर वफ़ासत पर चलें रकमिश
हमेशा ही क़दम मेरे सही मंजिल से अब गुज़रे।