मेरा दिल
मेरा दिल
मोमबत्ती जैसा ही जलने,
पिघलने व टपकने लगता है मेरा दिल,
फिर भी आज तक खत्म ना हुआ,
पूरा के पूरा तैयार है फिर से,
जलने, पिघलने, व टपकने को हमेशा,
ये कैसी नियति है?
मोमबत्ती जैसा ही जलने,
पिघलने व टपकने लगता है मेरा दिल,
फिर भी आज तक खत्म ना हुआ,
पूरा के पूरा तैयार है फिर से,
जलने, पिघलने, व टपकने को हमेशा,
ये कैसी नियति है?