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Rishu Raheja

Abstract

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Rishu Raheja

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मेरा दिल

मेरा दिल

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वो साथ मेरे चलता है, वो साथ मेरे रहता है, देखो इसको ज़रा गौर से, ना जाने क्यों इतना इतराता है।

अगर कोई सामने से बात करने आ जाये, तोह थोड़ा शर्मा कर पीछे हट जाता है, अगर कोई इसे प्यार से पुकारे, तो अपने आप खिंचा चला जाता है।

प्यार इश्क़ मोहब्बत से ना जाने क्यों ये घबराता है, इज़हार करने से ये ना जाने क्यों ही शर्माता है, किसी की मुस्कराहट को देख क्यों ये पिघल जाता है, ना जाने थोड़े ही समय में अपने आप कैसे संभल जाता है।

दोस्ती के नाम पर

ये बिना सोचे कुछ भी कर जाता है, अच्छा सोचने वालो पर ये जान न्योछावर करता है, अगर इसको कोई ग़म दे दे तोह ये मुश्किलों में भी डालता है, थोड़ा सा अगर कमज़ोर हो जाए तोह अश्क़ ये बहाता है।

इस ज़िन्दगी की दौड़ में, फरेब करने नहीं देता है, जब भी कोशिश करो तोह हमेशा मुस्कुरा के कहता है, फरेब तोह कर लेगा उसके बाद जियेगा कैसे, अपने आपको आईने में देख तू मुस्कुराएगा कैसे।

मैं तो बड़ा हो गया हूँ मगर ये अभी भी बच्चा है, ये मेरा दिल है ऐ दोस्त, ये हमेशा से ही सच्चा है।


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