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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

मेरा देश

मेरा देश

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जब तक है मेरे इस जिस्म में जान

गाता रहूंगा में तो भारत का गान

कह रहा है साखी सुन ले तू ज़माने

फ़लक तक लहरायेगा तिरंगा महान


हर जख्म को ही में तो मरहम करूँगा

देश के लिये तो एक क्या

हज़ार गोलियां भी है तिनके समान

जब तक है मेरे इस जिस्म में जान


गाता रहूंगा में तो भारत का गान

मेरा देश औऱ मेरा दिल तो एक ही है

जिसके सब कहते हैं प्यार से हिंदुस्तान

किसे को रब चाहिये, किसी को सब चाहिये


मुझे चाहिये सिर्फ़ हिंदुस्तान की शान

जिऊँ तो भी इसके लिये

मरु तो भी इसके लिये ये देश ही है,


मेरे लिये तो खुदा की इबादत का स्थान

जब तक है मेरे इस जिस्म में जान

गाता रहूंगा मैं तो भारत का गान।


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