मैं सिंगल हूँ
हां मैं सिंगल हूँ इसलिए
नहीं कि कोई मिली नहीं
या किसी को भाया नहीं मैं
बस इस दिल से खेलने का हक
किसी को न देना चाहता हूं और
ना ही चाहता हूं कि किसी का प्यार
भरा दिल टूट जाए मेरी वजह से
इसलिए सिंगल हूँ मैं
हाँ मैं सिंगल हूँ क्योंकि
माँ बाप की आस हुँ में
उनका विश्वास हूँ में
भाई-बहन के लिए प्रेरणा हूँ मैं
किसी का विश्वास ना टूटे मुझसे
ओर ना कोई मुझे देखकर
कोई गलत रास्ते ना पड़ जाए
इस डर से सिंगल हूँ में
हां मैं सिंगल हूँ क्योंकि मुझे
अपना हाल ए दिल का पता है
जिससे भी प्यार किया दिल से
किया जिससे वादा किया निभाने
वाला किया और प्यार का क्या है
यह तो 2 दिन किसके साथ रह
लूंगा तो हो जाएगा बस
टूट ना जाए दिल किसी का
इसी बात से डरता हूँ क्योंकि
चैन नहीं पाएगा किसी का
दिल तोड़कर मेरा यह दिल
इसीलिए सिंगल हूँ मैं
हां मैं सिंगल हूँ क्योंकि
अपनी बहु पसंद करने का
हक मैंने अपनी मां को दिया
है डरता हूँ जिसे अपने लिए
ढंग से कपड़े तक खरीदने
आते वह अपना हमसफ़र
कैसे चुनेगा कहीं किसी गलत
लड़की से दिल ना लगाओ बैठूं
बस इसी बात ही डरता हूं क्योंकि
अपने को दुख देख सकता हूं मैं
पर उस माँ का क्या करूं
जो मुझे खुश देखकर खुश हो जाती है
और मुझे दुखी देखते दुखी हो जाती है
इसलिए सिंगल हूँ मैं
हां मैं सिंगल हूँ क्योंकि
जिंदगी में बहुत सारे सपने
सजाये रखे हैं मैंने उन माँ
बाप के लिए जिन्होंने मुझे
खुशी देने के लिए पता नहीं
क्या-क्या सहा होगा अब
उनके सपने पूरे करने हैं
जिन्होंने बचपन में मेरी सारी
ख्वाहिशें पूरी करें करी हैं
जवानी मैं भी उनकी कि
ख्वाइशें पूरी करना चाहता हूँ
डरता हूं कहीं मेरा यह सपना
अधूरा ना रह जाए बस
इसी बात से डरता हूं कहीं ये
जवानी प्यार मैं ना खराब हो जाए
इसलिए दिल लगाने से डरता हूँ
इसलिए सिंगल हूँ में
हां मैं सिंगल हूँ उसके लिए
जिसे ईश्वर ने मेरे लिए बनाई
होगी जिससे मेरी मां पसंद
करेगी मेरे लिए जो सब कुछ
छोड़कर मेरे घर आएगी
जिंदगी में पहला और आखिरी
प्यार उसी का बनना चाहता हूँ मै
इसीलिए सिंगल हूँ मैं
डरता हूँ कहीं आज का किया
प्यार बदनाम ना कर दे मेरे माँ
बाप डरता हूँ कहीं दो-चार साल
किया प्यार दुर ना करदे मुझे
मेरे अपनो से
इसीलिए सिंगल हूँ मैं
हां मैं सिंगल हूँ
कवि: शिवम चन्द