मैं नास्तिक हूं !
मैं नास्तिक हूं !
मैं नास्तिक हूं
पर इतना भी नहीं
कि प्रकृति को न मानूं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
मैं तो उन्हें अनंत और
अपार 'ऊर्जा' का सदृश केंद्र मानता हूं।
मैं नास्तिक हूं
पर इतना तो हूं
कि इंसानों द्वारा बनाए गए
ईश्वर को न मानूं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
मैं तो उन्हें निर्मूल और
अस्तित्वहीन मानता हूं।
मैं नास्तिक हूं
पर इतना भी नहीं
कि किसी धर्म को न मानूं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
'मानवता' मेरी धर्म है
और ब्रह्मांड के समस्त
जीव-जंतु, पेड़-पौधें मेरे अपने हैं
मैं तो 'वसुधैव कुटुंबकम' को मानता हूं।
मैं नास्तिक हूं
पर इतना तो हूं
कि उस धर्म को न मानूं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
जो पालते हैं मन में विद्वेष
करवाते हैं साम्प्रदायिक दंगे
इन धर्मों की आड़ में
मैं तो उन्हें मानवता का नाशक
और अधर्म मानता हूं।
मैं नास्तिक हूं
पर इतना भी नहीं
कि किसी दूसरे धर्मों का
सम्मान न करूं
उनकी निंदा करूं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
मैं तो सभी धर्मों को पाक मानता हूं
और उनका दिल से सम्मान करता हूं।
मैं नास्तिक हूं
पर इतना तो हूं
कि बाबाओं, मौलवियों आदि
का खुले-आम विरोध करूं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
जो फैलाते हैं समाज में
भय और अंधविश्वासों का जहर
मैं तो उन्हें पाखंडी मानता हूं।
मैं नास्तिक हूं
पर इतना भी नहीं
कि मां द्वारा सिखाई गई घर की विधि को न मानूं
उनके द्वारा दिए मंदिर के प्रसाद को ना खाऊं
उनके अस्तित्व पर
प्रश्न-चिह्न लगाऊं
मेरी मां तो उस स्थान को
बस अध्यात्म का एक केंद्र मानती है
और उनके सहारे वहां ना बैठकर
अपने कर्मों पर विश्वास करती है।