Freelance Poet & Writer
मैं तो उन्हें मानवता का नाशक और अधर्म मानता हूं मैं तो उन्हें मानवता का नाशक और अधर्म मानता हूं
पिता की हसरत होती है सिर्फ एक काबिल बनें संतान और उनसे हो मेरी पहचान। पिता की हसरत होती है सिर्फ एक काबिल बनें संतान और उनसे हो मेरी पहचान।
सिर्फ़ मैं और तुम। सिर्फ़ मैं और तुम।
अलख जगाती, आवाज़ उठाती अलहदा-सी ये लड़कियां कितनी प्यारी दिखती। अलख जगाती, आवाज़ उठाती अलहदा-सी ये लड़कियां कितनी प्यारी दिखती।
संभल जाना होगा इन विध्वंसकारी अमानवीय कृत्यों से। संभल जाना होगा इन विध्वंसकारी अमानवीय कृत्यों से।