दोस्ती
दोस्ती
दोस्ती...
एक मिठास है
एक सुकूं है
एक अहसास है
और सुलझे हुए
इक खूबसूरत रिश्ते।
यादें हैं
बचपन की
खट्टी-मीठी
रेत-सा मन
बहती हवा-सी बिखड़े ख़्वाब
सिंधु के तट पर
यूँ ही पश्चिम दिशा में
सरसरी निगाहों से
अस्तमान रक्ताभ रवि को
अस्ताचल की ओर खिसकता हुआ
दिल में ढेरों अरमां लिए
टकटकी लगाए
सिर्फ़ मैं और तुम।
बस जुड़ी हुई है
हम दोनों की बाल-लीलाएं
और बचपन की कपोल कल्पना।
