मैं नारी हूं
मैं नारी हूं
हां मैं नारी हूं मैं बेबस हूं हैरान हूं उदास हूं परेशान हूंl
पर मैं कमजोर नहीं हूं मैं हार नहीं सकती l
मैं द्रोपदी भी मैं सीता भी मैं राधा भी और मेरा भी जिस पुरुष को मैं पुरुषत्व प्रदान करती हूं l
जो पुरुष मेरे बिना अधूरा है जिस पुरुष को मैंने जीना सिखाया है l
कभी ममता से पाला कभी आंचल में छुपाया l
वह पुरुष यह ना समझे कि नारी कमजोर है l
और उसके बिना जी नहीं सकते बल्कि वह अच्छे से जानती हैं कि वह शक्ति हैं वह हार नहीं सकतीl
वह अनुसुइया है जो तीनों लोकों के स्वामी को पालने में झूला दे l
बला उस नारी को कोई पुरुष कैसे भुला दें l
हां मैं नारी हूं।