भगवती सरस्वती
भगवती सरस्वती
मां सरस्वती! भगवती!वाणी-दात्री वर दे ।
अखिल विश्व का मंगल हो,ऐसा स्वर दे।।
संगीत हो,ज्ञान हो,कला हो, नव-विहान हो ।
कर दो कृपा मां,सम्पूर्ण जगत का कल्याण हो।
राष्ट्र का कण-कण जाग उठे, ऐसा प्रभात हो ,
दुष्टों का दमन हो,शमन हो,ऐसा आघात हो ।
कल-कल कलरव से गुंजित, ज्ञान से सिंचित, प्रहर दे।
मां सरस्वती!भगवती! वाणी-दात्री!वर दे।।
करुणा, दया व क्षमा का दान दे ,
भारत का उत्थान हो,सपूत महान दे।
बंजर भी खिल उठे,तेरी कृपा की शान से ,
मरु में हरियाली हो, ऐसी दृष्टि आह्वान दे।
दुर्गुणों का नाश कर,संकटों को हर दे।
मां सरस्वती! भगवती!वाणी-दात्री! वर दे।।