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Vivek Kumar

Inspirational

4  

Vivek Kumar

Inspirational

हां मुझे शिक्षक होने पर गर्व ह

हां मुझे शिक्षक होने पर गर्व ह

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हां मुझे शिक्षक होने पर गर्व है,

राष्ट्र का निर्माता एवं भविष्य का रक्षक हूं,

हां मुझे गर्व है कि मैं एक शिक्षक हूं,

मैं वो कुम्हार हूं 

जो कच्ची मिट्टी से घड़ा बनाता है,

मैं वो तेल हूं

जो ज्ञान का दीप जलता है,

मैं वो मार्गदर्शक हूं

जो भटके को राह दिखाता है,

मैं वो सत्य हूं

जो शिक्षा की गंगा बहाता है,

मैं वो राह हूं

जो बच्चे बूढ़े सब का हमसफर बन जाता है,

मैं वो कलाकार हूं

जो बिन रंग के जीवन रंगीन बनाता है,

मैं उस पल को जीता हूं

जब मुझे लोग निर्माता कहते हैं,

मैं वो सखा हूं

जो हर पल सजग रहने का पाठ पढ़ाता है, 

मैं किसी का मां तो किसी का पिता हूं,

किसी का आस किसी का विश्वास हूं,

कामयाबी की डोर, उम्मीदों को उड़ान देने वाला पंख हूं,

हां, मैं एक शिक्षक हूं,

हां, मुझे शिक्षक होने पर गर्व है।

     


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