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Vivek Kumar

Inspirational

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Vivek Kumar

Inspirational

आन बान आउर शान बा

आन बान आउर शान बा

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आन बान आउर शान बा,

तिरंगा हम्मर जान बा,

मर जाईब, मिट जाईब,

इसकी खातिर दुनिया से

भी लड़ जाईब,

सर पे कफ़न हाथ में कलम की धार बा,

सच्चाई, ईमानदारी, अहिंसा हम्मर पहचान बा,

लोकतंत्र हमनी के सम्मान बा,

वसुधैव कटुंबकम, बंधुता रग रग में बसल बा,

मिट्टी की सौंधी खुशबू जिसका स्वाभिमान बा,

ओ कोई और नहीं हमर हिंदुस्तान बा,

आजादी के लिए कुर्बान,

वीरों की शहादत पर गर्व बा,

फर्ज की खातिर सभी जन,

जहां तिरंगे को कफन बनाने की रखते चाह बा,

उस राष्ट्र पे हमें नाज बा,

जहां गांधी, सुभाष, भगत जन्म लिए,

जान हथेली पर लिए हुए,

अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए,

उन नामों पर हम सब को गर्व बा,

आन बान आउर शान बा,

तिरंगा हम्मर जान बा।

       


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