याद है पापा मुझे..!
याद है पापा मुझे..!


वो मेरी एक छोटी-सी आवाज़ पे दौड़े चले आना
भूख लगने पर खुद से पहले खाना खिलाना
वो प्यारी-सी मुस्कान के साथ स्कूल से लाना
काँधे पर बिठा कर मुझे जहान दिखाना
आज भी याद है मुझे
याद है पापा का मेरे लिए हर तकलीफ सह जाना|
छोटी बड़ी गलती करने पर मुझे प्यार से समझाना
नादानियों पे मेरी उनका प्यारा-सा मुस्काना
मेरे खाना न खाने पर खुद भी रूठ जाना
और गोद में बिठा कर मेरा सर सहलाना
आज भी याद है मुझे
याद है पापा का मेरे लिए खुशियों का ढूंढ लाना|
सुबह-सुबह हँ
सते हुए चेहरे से मुझे जगाना
अपने गले लगा कर मेरे दिन की शुरुआत करवाना
मेरी ख्वाहिशों को अपनी ख्वाहिशें बनाना
और अपनी ख्वाहिशों को दिल के पिंजरे में छुपाना
आज भी याद है मुझे
याद है पापा का मेरे लिए हर दुःख भूल जाना|
अपने संस्कारों से मेरी ज़िन्दगी को फूल-सा महकना
हर दिन एक नयी सीख के साथ मुझे रूबरू करवाना
उन अच्छाई के किस्सों को ज़िन्दगी की माला में सजाना
प्यार और स्नेह से हर एक का दिल जीत पाना
आज भी याद है मुझे
याद है पापा का मेरे लिए ज़िन्दगी के आदर्श बन जाना|