मैं नारी हूं
मैं नारी हूं


मैं नारी हूं,
असंख्य थपेड़े सह कर भी
अनवरत जारी हूं ....
सुनकर मेरी सिंह गर्जना
सब जय भारत मां बोल गये,
थर्राये दुश्मन सारे
सिंहासन उनके डोल गये,
कर लूं गर मैं दृढ़ निश्चय
तो यमराज पर भी भारी हूं।
मैं नारी हूं
ओलंपिक में टूट रहीं थीं उम्मीदें जब
तब हमने जलवा दिखलाया था,
हासिल करके रजत कांस्य
भारत का मान बढ़ाया था,
चाहती हूं बस तुम्हें जितना
मत समझो कि हारी हूं ।
मैं नारी हूं
है हौसला जहान बदल दूं
धरा से लेकर आसमान बदल दूं,
मैं निर्भया हूं देकर जान
संविधान बदल दूं
मैं हूं एक अबला प्रबल
मत समझो बेचारी हूं
मैं नारी हूं
मत समझो मुझे
समझना आसान नहीं,
मैं तो एक पावन प्रतिमा हूं
विषय का कोई सामान नहीं ।
नीचे करलो अपनी नजरें वरना
शोला बनकर खाक कर दूं
वो चिंगारी हूं ।
मैं नारी हूं
असंख्य थपेड़े सहकर भी
अनवरत जारी हूं ...