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Twisha Ray

Tragedy

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Twisha Ray

Tragedy

मैं लड़की हूं

मैं लड़की हूं

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मैं नारी हूँ ।

मुझे एक लड़की होने पर गर्व है

मैं किसी एक कोने में पड़ी हूँ

मत पूछना दुनिया वालो मैं किस तरह पली बढ़ी हूँ ।

हर रास्ते में हर गलियों में इन्तजार कर मर्द बैठे हैं मेरे इन्तजार में

कभी मैं उनकी नजरो में आऊं और उनकी जिंदगी रंगीन कर जाऊं

हवस की आड़ में बैठे मर्दो की जिंदगी मैं कब हसीं कर जाऊं ।


आदत हो गयी है मर्दो को पीछा करने की

ना देखते हैं बहिन बेटी है हमारे अपनों की

उन्हें तो बस पीछा करना रोमांस सा लगता है

ना शर्म है ना लाज है बस छेड़ना उनकी मर्दानगी लगती है ।


कभी महसूस ही नहीं होता कि देश में औरत चैन से रह भी पाएगी

जो कभी रास्ते में अकेली चलती नारी क्या वो अपने घर तक पहुँच भी पाएगी

ट्रैन हो या बस हो या कोई चौराये पर खड़ी एक औरत हो

तुम सोच भी नहीं सकते दुनिया वालों क्या एक औरत सुकून से सो भी पाएगी ।


मेरे शरीर में बस वो अंग ही हैं जिन अंग पर तुम शिकार करते हो

पागल हो जाते हो और वार कर के उन्ह

ी अंगों पर बेरहमी से वार करते हो

हर वक़्त बस डर में रहना पड़ता है

कभी घर में भी शिकार ना बन जाऊं ये डर आज भी नारी को सहना पड़ता है ।


तुम समझ भी नहीं सकते एक औरत होना क्या होता है

लाख बंदिशो में भी मुझे अपनों के लिए जीना पड़ता है

जरुरी नहीं कि तुम अपने हाथों से शिकार करते हो

आँखों से नोंच कर तुम आंखों से भी बलात्कार करते हो ।


नारी का अपमान करने वालो तुम कुछ कर नहीं पाओगे

संभल जाओ दुनिया वालो एक दिन तुम खोखले ही मर जाओगे

आज फिर कहती हूँ नारी एक ऐसी शक्ति है जो तुम सह भी नहीं पाओगे

मेरी कौम उजाड़ उजाड़ कर तुम बीच चौराये पर बदनाम होकर रह जाओगे ।


नारियो का जीवन तुम्हें नर्क से बद्तर कर दिया है

पूछना इन समाज वालों से इन्होंने भी जीना हराम कर दिया है

पूछ कर देखना अपनी ही माँ बहनों से कि जब आँख खुले तुम्हारी

नारियों का जीवन तुमने शिकार कर के मर्दानगी का नाम दे दिया है

ना शर्म है ना लाज है बस इन्हीं हरकतों से तुमने अपनी ही माँ का अस्तित्व खराब कर दिया है।


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